हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,वाराणसी,ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे चल रहा है और दोनों पक्षों ने अपनी अपनी दलील पेश की इसी बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा ज्ञानवापी के सर्वे को लेकर कोर्ट का फैसला प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 के खिलाफ है।
उन्होंने आगे कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद थी, क़यामत तक रहेगी इससे पहले उन्होंने कहा था, बाबरी की तरह ज्ञानवापी को नहीं जाने देंगे,
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अपने ट्वीटर आकउंट से लिखा है यह बाबरी मस्जिद में दिसंबर 1949 की पाठ्यपुस्तक की पुनरावृत्ति है यह आदेश ही मस्जिद के धार्मिक स्वरूप को बदल देता है यह 1991 के एक्ट का उल्लंघन हैं।